ज्ञान के मोती
…आधुनिक समय में प्रासंगिक प्राचीन ऋषियों द्वारा दिया गया ज्ञान संग्रह!
अद्वैत वेदांत का मार्ग
कबीर कहते हैं, ‘सोहम आपो आप’!
प्रश्न- मैंने शबनम विरमानी द्वारा पठित, संत कबीर की एक कविता पढ़ी। यह कविता उन्होंने भैरविदेवी से सीखी थी जो कबीर के गाने गाती थीं। कृपया अर्थ समझाएं। श्वास श्वास में नाम ले और बिरठा श्वास मत खोय, ना जाने इस श्वास का आवन होय ना होय। श्वास की कर...
कबीर कहते हैं घर जला दो!
प्रश्न : कबीर इस दोहे में घर जलाने की बात क्यों कर रहे हैं? मैं मेरा घर जादिया, लिओ पलीता हाथ, कोई अगर जादो घर आपरो, चले हमारे साथ। मैंने अपना घर एक जलती हुई मशाल से जला दिया है, यदि आप भी अपना घर जला सकते हैं तो मेरे साथ आ जाएं! उत्तर : ...
क्या मांस खाना बुरा क़र्म होता है?
प्रश्न : नमस्कार। मेरी परवरिश एक शुद्ध-शाकाहारी परिवार में हुई है। लेकिन मेरा विवाह (प्रेम विवाह) एक ऐसे व्यक्ति से हुआ है जो मछली और माँस खा कर बड़ा हुआ है। मैं अपने पति से बहुत प्यार करती हूँ और नहीं चाहती कि वह मांस खाने के कर्मफल भुगतें। इस कारण मैं बहुत...
गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं
प्रश्न- नमस्ते एकताजी, गणेश चतुर्थी के अवसर पर, रमण महर्षि से संबंधित, एक छोटा सा किस्सा बताना चाहती हूँ। यह मुरुगनर द्वारा रिकॉर्ड की गई एक किताब गुरु वचक कोवाई से लिया गया है। इसमें पूर्णम शब्द (मोदक में भरी जाने वाली सामग्री) के संदर्भ में बताया गया है।...
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कबीर कहते हैं, ‘सोहम आपो आप’!
प्रश्न- मैंने शबनम विरमानी द्वारा पठित, संत कबीर की एक कविता पढ़ी। यह कविता उन्होंने भैरविदेवी से सीखी थी जो कबीर के गाने गाती थीं। कृपया अर्थ समझाएं। श्वास श्वास में नाम ले और बिरठा श्वास मत खोय, ना जाने इस श्वास का आवन होय ना होय। श्वास की कर...
कबीर कहते हैं घर जला दो!
प्रश्न : कबीर इस दोहे में घर जलाने की बात क्यों कर रहे हैं? मैं मेरा घर जादिया, लिओ पलीता हाथ, कोई अगर जादो घर आपरो, चले हमारे साथ। मैंने अपना घर एक जलती हुई मशाल से जला दिया है, यदि आप भी अपना घर जला सकते हैं तो मेरे साथ आ जाएं! उत्तर : ...
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बुद्ध का मार्ग
‘निर्वाण प्राप्त कर चुके’ प्रबुद्ध व्यक्ति कैसे मिलेंगे?
प्रश्न- 'मैं कौन हूँ', यह जानने की मुझमें गहरी प्यास है। मैं रमण महर्षि का अनुसरण करता हूँ। किसी सच्चे गुरु को तलाशकर उनसे सत्य जान पाना बहुत कठिन होता है। मैं ऐसे व्यक्ति के साथ समय व्यतीत करना चाहता हूँ जो कभी मेरी तरह आम इंसान रहा हो पर बाद में उसे निर्वाण...
आध्यात्मिक ज्ञान का बौद्धिकरण एक प्रमुख बाधा है!
प्रश्न- एकता जी, क्या आप शास्त्रों के संदर्भ से या अपने अनुभव से यह बता सकती हैं कि वेदांत ज्ञान में अधपके लक्षणों की क्या पहचान है? अद्वैत के सिद्धांत में फँस जाने के क्या लक्षण हैं ? उत्तर- आध्यात्मिक ज्ञान को अपने जीवन में ईमानदारी से उतारने के...
आध्यात्मिक मार्ग पर बाधाएं
प्रश्न- मैं परिवार और अध्यात्म के बीच में फंसी हुई हूँ और मेरे मन में यह ख्याल आने लगा है कि मैंने शादी क्यों की। मैं जानती हूँ कि मुझे अपने कर्मों को काटना ही पड़ेगा लेकिन मैं अध्यात्म के पथ पर चलना चाहती हूँ। मुझे डर है कि मेरा परिवार मुझे पांच दिन के...
कबीर कहते हैं घर जला दो!
प्रश्न : कबीर इस दोहे में घर जलाने की बात क्यों कर रहे हैं? मैं मेरा घर जादिया, लिओ पलीता हाथ, कोई अगर जादो घर आपरो, चले हमारे साथ। मैंने अपना घर एक जलती हुई मशाल से जला दिया है, यदि आप भी अपना घर जला सकते हैं तो मेरे साथ आ जाएं! उत्तर : ...
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‘निर्वाण प्राप्त कर चुके’ प्रबुद्ध व्यक्ति कैसे मिलेंगे?
प्रश्न- 'मैं कौन हूँ', यह जानने की मुझमें गहरी प्यास है। मैं रमण महर्षि का अनुसरण करता हूँ। किसी सच्चे गुरु को तलाशकर उनसे सत्य जान पाना बहुत कठिन होता है। मैं ऐसे व्यक्ति के साथ समय व्यतीत करना चाहता हूँ जो कभी मेरी तरह आम इंसान रहा हो पर बाद में उसे निर्वाण...
आध्यात्मिक ज्ञान का बौद्धिकरण एक प्रमुख बाधा है!
प्रश्न- एकता जी, क्या आप शास्त्रों के संदर्भ से या अपने अनुभव से यह बता सकती हैं कि वेदांत ज्ञान में अधपके लक्षणों की क्या पहचान है? अद्वैत के सिद्धांत में फँस जाने के क्या लक्षण हैं ? उत्तर- आध्यात्मिक ज्ञान को अपने जीवन में ईमानदारी से उतारने के...
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‘निर्वाण प्राप्त कर चुके’ प्रबुद्ध व्यक्ति कैसे मिलेंगे?
प्रश्न- 'मैं कौन हूँ', यह जानने की मुझमें गहरी प्यास है। मैं रमण महर्षि का अनुसरण करता हूँ। किसी सच्चे गुरु को तलाशकर उनसे सत्य जान पाना बहुत कठिन होता है। मैं ऐसे व्यक्ति के साथ समय व्यतीत करना चाहता हूँ जो कभी मेरी तरह आम इंसान रहा हो पर बाद में उसे निर्वाण...
क्या मांस खाना बुरा क़र्म होता है?
प्रश्न : नमस्कार। मेरी परवरिश एक शुद्ध-शाकाहारी परिवार में हुई है। लेकिन मेरा विवाह (प्रेम विवाह) एक ऐसे व्यक्ति से हुआ है जो मछली और माँस खा कर बड़ा हुआ है। मैं अपने पति से बहुत प्यार करती हूँ और नहीं चाहती कि वह मांस खाने के कर्मफल भुगतें। इस कारण मैं बहुत...
अनंत का धन्यवाद कैसे करें?
किसी ने पूछा कि अनंत शक्ति का धन्यवाद कैसे करें? भगवान का धन्यवाद कैसे कर सकते हैं? मैंने जवाब दिया, “भगवान को आपकी पूजा-पाठ की आवश्यकता नहीं है। उसे आपके फल, पुष्प, नारियल, इत्यादि की भी आवश्यकता नहीं है। भगवान चाहते हैं कि हर व्यक्ति प्रसन्न रहे। यदि...
दमन और समर्पण में क्या अंतर है?
प्रश्न: दमन और समर्पण में क्या अंतर है? उत्तर: दमन ज्वालामुखी की तरह होता है। जैसे ज्वालामुखी में आग छुपी होती है, वैसे दमन में नापसंदगी और घृणा छुपी होती है। वो अंदर ही अंदर आपको जलाती है। वो कभी भी फूट सकती है। दमन का तात्पर्य है, सीमा...
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‘निर्वाण प्राप्त कर चुके’ प्रबुद्ध व्यक्ति कैसे मिलेंगे?
प्रश्न- 'मैं कौन हूँ', यह जानने की मुझमें गहरी प्यास है। मैं रमण महर्षि का अनुसरण करता हूँ। किसी सच्चे गुरु को तलाशकर उनसे सत्य जान पाना बहुत कठिन होता है। मैं ऐसे व्यक्ति के साथ समय व्यतीत करना चाहता हूँ जो कभी मेरी तरह आम इंसान रहा हो पर बाद में उसे निर्वाण...
क्या मांस खाना बुरा क़र्म होता है?
प्रश्न : नमस्कार। मेरी परवरिश एक शुद्ध-शाकाहारी परिवार में हुई है। लेकिन मेरा विवाह (प्रेम विवाह) एक ऐसे व्यक्ति से हुआ है जो मछली और माँस खा कर बड़ा हुआ है। मैं अपने पति से बहुत प्यार करती हूँ और नहीं चाहती कि वह मांस खाने के कर्मफल भुगतें। इस कारण मैं बहुत...
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सामान्य अध्यात्म
क्या मांस खाना बुरा क़र्म होता है?
प्रश्न : नमस्कार। मेरी परवरिश एक शुद्ध-शाकाहारी परिवार में हुई है। लेकिन मेरा विवाह (प्रेम विवाह) एक ऐसे व्यक्ति से हुआ है जो मछली और माँस खा कर बड़ा हुआ है। मैं अपने पति से बहुत प्यार करती हूँ और नहीं चाहती कि वह मांस खाने के कर्मफल भुगतें। इस कारण मैं बहुत...
क्या शाकाहारी होना आध्यात्मिक विकास के लिए बेहतर है?
प्रश्न : शाकाहार और मांसाहार पर लेख के लिए धन्यवाद- https://ektabathija.com/hi/kya-maans-khana-bura-karm-hota-hai मेरा प्रश्न मांस खाने के कर्म परिणामों के बारे में नहीं बल्कि आध्यात्मिक विकास से संबंधित है। क्या शाकाहारी होना आध्यात्मिक विकास के...
क्या द्वंद को पूरी तरह से छोड़ पाना मुमकिन है?
प्रश्न- कहते हैं कि इस ब्रह्मांड में समय का कोई अस्तित्व नहीं है। मेरा प्रश्न ये है कि क्या हम शरीर में रह कर यह महसूस कर सकते हैं? योग वशिष्ठ में लीला की कहानी में, लीला को पूरी तरह से द्वंद का त्याग करना पड़ता है। कृपया इसे थोड़ा समझाएं। उत्तर- ...
रोग में और स्वास्थ्य में!
प्रश्न- एकता जी, एक छोटी सी व्याधि जैसे कि सरदर्द के समय, हमारी प्राण शक्ति कम हो जाती है और केवल शरीर पर ही केंद्रित रहती है। क्या हमें इस अवस्था के गुज़र जाने का इंतजार करना चाहिए? कृपया सुझाव दें? उत्तर- जब सबकुछ ठीक चल रहा हो तो अपने आप में...
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क्या मांस खाना बुरा क़र्म होता है?
प्रश्न : नमस्कार। मेरी परवरिश एक शुद्ध-शाकाहारी परिवार में हुई है। लेकिन मेरा विवाह (प्रेम विवाह) एक ऐसे व्यक्ति से हुआ है जो मछली और माँस खा कर बड़ा हुआ है। मैं अपने पति से बहुत प्यार करती हूँ और नहीं चाहती कि वह मांस खाने के कर्मफल भुगतें। इस कारण मैं बहुत...
क्या शाकाहारी होना आध्यात्मिक विकास के लिए बेहतर है?
प्रश्न : शाकाहार और मांसाहार पर लेख के लिए धन्यवाद- https://ektabathija.com/hi/kya-maans-khana-bura-karm-hota-hai मेरा प्रश्न मांस खाने के कर्म परिणामों के बारे में नहीं बल्कि आध्यात्मिक विकास से संबंधित है। क्या शाकाहारी होना आध्यात्मिक विकास के...
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कबीर का मार्ग
कबीर कहते हैं, ‘सोहम आपो आप’!
प्रश्न- मैंने शबनम विरमानी द्वारा पठित, संत कबीर की एक कविता पढ़ी। यह कविता उन्होंने भैरविदेवी से सीखी थी जो कबीर के गाने गाती थीं। कृपया अर्थ समझाएं। श्वास श्वास में नाम ले और बिरठा श्वास मत खोय, ना जाने इस श्वास का आवन होय ना होय। श्वास की कर...
कबीर का भीतरी दर्पण
प्रश्न: निम्नलिखित दोहे में कबीर किस दर्पण की बात कर रहे हैं? हृदय मा ही आरसी, मुख देखा नहीं जाए, मुख तो तभी देखिये, जब दिल की दुविधा जाए। उत्तर: इस दोहे में संत कबीर अद्वैत वेदान्त के ‘चित्तछाया’ या ‘चिदाभास’ (चेतना के प्रतिबिंब) का...
कबीर कहते हैं घर जला दो!
प्रश्न : कबीर इस दोहे में घर जलाने की बात क्यों कर रहे हैं? मैं मेरा घर जादिया, लिओ पलीता हाथ, कोई अगर जादो घर आपरो, चले हमारे साथ। मैंने अपना घर एक जलती हुई मशाल से जला दिया है, यदि आप भी अपना घर जला सकते हैं तो मेरे साथ आ जाएं! उत्तर : ...
कबीर हर कंडीशनिंग (मान्यता) त्यागने को कहते हैं!
प्रश्न- आपने बताया था कि कबीर कहते हैं कि जब तक व्यक्ति अपने अहंकार के घर को नहीं जलाएगा, अपनी कंडीशनिंग (मान्यताओं) की जंजीर को नहीं तोड़ेगा, उसे निर्वाण प्राप्त नहीं होगा। क्या कबीर ने आध्यात्मिक कंडीशनिंग (मान्यताओं) को विस्तार से समझाया है? उत्तर-...
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कबीर कहते हैं, ‘सोहम आपो आप’!
प्रश्न- मैंने शबनम विरमानी द्वारा पठित, संत कबीर की एक कविता पढ़ी। यह कविता उन्होंने भैरविदेवी से सीखी थी जो कबीर के गाने गाती थीं। कृपया अर्थ समझाएं। श्वास श्वास में नाम ले और बिरठा श्वास मत खोय, ना जाने इस श्वास का आवन होय ना होय। श्वास की कर...
कबीर का भीतरी दर्पण
प्रश्न: निम्नलिखित दोहे में कबीर किस दर्पण की बात कर रहे हैं? हृदय मा ही आरसी, मुख देखा नहीं जाए, मुख तो तभी देखिये, जब दिल की दुविधा जाए। उत्तर: इस दोहे में संत कबीर अद्वैत वेदान्त के ‘चित्तछाया’ या ‘चिदाभास’ (चेतना के प्रतिबिंब) का...
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रमण महर्षि का मार्ग
‘निर्वाण प्राप्त कर चुके’ प्रबुद्ध व्यक्ति कैसे मिलेंगे?
प्रश्न- 'मैं कौन हूँ', यह जानने की मुझमें गहरी प्यास है। मैं रमण महर्षि का अनुसरण करता हूँ। किसी सच्चे गुरु को तलाशकर उनसे सत्य जान पाना बहुत कठिन होता है। मैं ऐसे व्यक्ति के साथ समय व्यतीत करना चाहता हूँ जो कभी मेरी तरह आम इंसान रहा हो पर बाद में उसे निर्वाण...
गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं
प्रश्न- नमस्ते एकताजी, गणेश चतुर्थी के अवसर पर, रमण महर्षि से संबंधित, एक छोटा सा किस्सा बताना चाहती हूँ। यह मुरुगनर द्वारा रिकॉर्ड की गई एक किताब गुरु वचक कोवाई से लिया गया है। इसमें पूर्णम शब्द (मोदक में भरी जाने वाली सामग्री) के संदर्भ में बताया गया है।...
भय, एक हथियार!
प्रश्न- मुझे अपने गुरु से बाध्य रखने के लिए डर का इस्तेमाल किया जा रहा है। मुझे यह कह कर डराया जा रहा है कि यदि मैंने गुरु को छोड़ा तो मेरे ऊपर कृपा नहीं रहेगी। लेकिन मेरे दिल की आवाज़ मुझसे कहती है कि मैं अपना मार्ग बदल दूँ। मैं क्या करूँ? उत्तर- ...
बुद्ध और रमण के मार्ग पर चलते हुए क्या मैं वैदिक मंत्रोच्चारण कर सकता हूँ?
प्रश्न- एकता जी क्या आप मेरा इस विषय में मार्गदर्शन कर सकती हैं कि मैं रमण महर्षि और बुद्ध के मार्ग पर चलते हुए हनुमान चालीसा, ॐ नमः शिवाय, ॐ नमो भगवते वासुदेवाय और दुर्गा चालीसा आदि का उच्चारण कर सकता हूँ कि नहीं? उत्तर- बिल्कुल। रमण महर्षि और...
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‘निर्वाण प्राप्त कर चुके’ प्रबुद्ध व्यक्ति कैसे मिलेंगे?
प्रश्न- 'मैं कौन हूँ', यह जानने की मुझमें गहरी प्यास है। मैं रमण महर्षि का अनुसरण करता हूँ। किसी सच्चे गुरु को तलाशकर उनसे सत्य जान पाना बहुत कठिन होता है। मैं ऐसे व्यक्ति के साथ समय व्यतीत करना चाहता हूँ जो कभी मेरी तरह आम इंसान रहा हो पर बाद में उसे निर्वाण...
गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं
प्रश्न- नमस्ते एकताजी, गणेश चतुर्थी के अवसर पर, रमण महर्षि से संबंधित, एक छोटा सा किस्सा बताना चाहती हूँ। यह मुरुगनर द्वारा रिकॉर्ड की गई एक किताब गुरु वचक कोवाई से लिया गया है। इसमें पूर्णम शब्द (मोदक में भरी जाने वाली सामग्री) के संदर्भ में बताया गया है।...
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आत्मानन्द का अपरोक्ष मार्ग
आनंद को कैसे संभालें?
प्रश्न- दीदी, मैं अपने जीवन में बहुत बड़े बदलाव पर खड़ी हूँ। मेरे जीवन में सब कुछ बहुत बढ़िया चल रहा है और मुझे प्रसन्न होना चाहिए। लेकिन मैं इस नई शुरुआत को पूरी तरह से स्वीकार नहीं कर पा रही हूँ। किसी भी बुरे समय में मैं दुख को गहराई से अनुभव कर पाती हूँ क्योंकि मैं...
क्या मांस खाना बुरा क़र्म होता है?
प्रश्न : नमस्कार। मेरी परवरिश एक शुद्ध-शाकाहारी परिवार में हुई है। लेकिन मेरा विवाह (प्रेम विवाह) एक ऐसे व्यक्ति से हुआ है जो मछली और माँस खा कर बड़ा हुआ है। मैं अपने पति से बहुत प्यार करती हूँ और नहीं चाहती कि वह मांस खाने के कर्मफल भुगतें। इस कारण मैं बहुत...
डर और सहज-बोध के बीच का अंतर कैसे पता करें?
प्रश्न- मैं नकारात्मक विचारों को दूर रखने की कोशिश करता हूँ पर वह फ़िर भी आते हैं। मैं बहुत समय से ध्यान कर रहा हूँ लेकिन सँभल नहीं पा रहा हूँ। सहज-बोध और डर के बीच क्या अंतर है? उत्तर- सहज-बोध शांत मन का परिणाम है। डर, व्याकुल मन का परिणाम है। अंतर साफ है। उलझन...
देह और काम से जुड़े संस्कार!
प्रश्न- मेरे मन में यह संस्कार है कि 'मैं शरीर हूँ'। मन में बसे इस तरह के गहरे संस्कारों से मैं कैसे छुटकारा पाऊँ? क्या यह संस्कार मेरे मनुष्य शरीर में दोबारा जन्म लेने का कारण होंगे? उत्तर- संस्कारों से छुटकारा पाने के लिए, मन में एक नयी बेचैनी...
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आनंद को कैसे संभालें?
प्रश्न- दीदी, मैं अपने जीवन में बहुत बड़े बदलाव पर खड़ी हूँ। मेरे जीवन में सब कुछ बहुत बढ़िया चल रहा है और मुझे प्रसन्न होना चाहिए। लेकिन मैं इस नई शुरुआत को पूरी तरह से स्वीकार नहीं कर पा रही हूँ। किसी भी बुरे समय में मैं दुख को गहराई से अनुभव कर पाती हूँ क्योंकि मैं...
क्या मांस खाना बुरा क़र्म होता है?
प्रश्न : नमस्कार। मेरी परवरिश एक शुद्ध-शाकाहारी परिवार में हुई है। लेकिन मेरा विवाह (प्रेम विवाह) एक ऐसे व्यक्ति से हुआ है जो मछली और माँस खा कर बड़ा हुआ है। मैं अपने पति से बहुत प्यार करती हूँ और नहीं चाहती कि वह मांस खाने के कर्मफल भुगतें। इस कारण मैं बहुत...
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ज्ञान संघ
सच्चे साधक की सहायता से जटिल आध्यात्मिक ज्ञान सरल भाषा में समझें