by Gnyana Sangha | दिसम्बर 15, 2020 | अहं, आत्म-ज्ञान, कर्म, कर्मफल, जागरुकता, ज्ञान, धारणा, ध्यान, निर्वाण, पुरुषार्थ, बुद्ध, बुद्धि, बुद्धिमानी, मुक्ति, वैराग्य, संसार, साक्षी भाव/ साक्षी
आध्यात्मिक ज्ञान का बौद्धिकरण एक प्रमुख बाधा है! प्रश्न- एकता जी, क्या आप शास्त्रों के संदर्भ से या अपने अनुभव से यह बता सकती हैं कि वेदांत ज्ञान में अधपके लक्षणों की क्या पहचान है? अद्वैत के सिद्धांत में फँस जाने के क्या लक्षण हैं ? उत्तर- ...
by Gnyana Sangha | मार्च 23, 2020 | अष्टावक्र गीता, अहं, कर्म, कर्मफल, छाप, नियति, पथ, बुद्ध, भय, मृत्यु, राग-द्वेष, राग/ द्वेष, शरीर, साक्षी भाव/ साक्षी
नियति आपको वही देती है, जिसके आप योग्य हैं। प्रश्न – अष्टावक्र कहते हैं कि जीवन में सुव्यवस्था बनाये रखने के लिए और जीवन की सुरक्षा के लिए थोड़े डर की आवश्यकता है। जरुरत से ज्यादा डर मन और शरीर को घेर लेता है। मुख्य डर शरीर को खोने का होता है। सार यह है कि...
by Gnyana Sangha | फरवरी 19, 2019 | उम्मीद, कर्म, कर्मफल, कष्ट, कष्ट, चेतना, जाने दो, जीवन के साथ बहो, ब्रह्मांड, भगवान, भूमि, माता-पिता, वैदिक, व्याकुलता
मातृ – पितृ कर्म प्रश्न: मैं अमेरिका में रहता हूँ। मेरे माता-पिता वृद्ध हैं और भारत में अकेले रहते हैं। मैं चाहता हूँ कि वे यहाँ आकर मेरे पास रहें। परंतु उन्हें यहाँ रहना पसंद नहीं है। वे वृद्ध हैं और काफी परेशानी में हैं। मैं अपना परिवार छोड़ कर उनकी सेवा...
by Gnyana Sangha | फरवरी 15, 2019 | अहं, आत्मसमर्पण, ईर्ष्या, कर्मफल, कष्ट, क्रोध, घृणा, चेतना, जाने दो, दिव्य, पीड़ा, मन, राग-द्वेष, राग/ द्वेष, लालच, वर्तमान क्षण, विचार, समर्पण, समर्पण, सुख/ दर्द, स्वतंत्र आध्यात्मिकता
दमन और समर्पण में क्या अंतर है? प्रश्न: दमन और समर्पण में क्या अंतर है? उत्तर: दमन ज्वालामुखी की तरह होता है। जैसे ज्वालामुखी में आग छुपी होती है, वैसे दमन में नापसंदगी और घृणा छुपी होती है। वो अंदर ही अंदर आपको जलाती है। वो कभी भी फूट सकती है। ...